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परमपद
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enlightenment
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nirvana
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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नाम महिमा - सुरता राम भजाँ सुख पा...
भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।
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दत्तस्तुती
दत्तस्तुती
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श्रीनारदभक्तिसूत्रें - सूत्र ५०
नारद भक्ति सूत्र या ग्रंथाचे रसाळ निरूपण संत केशवराज महाराज देशनुख यांनी केले आहे.
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भजन - भज मन रामचरन सुखदाई ॥ध्र...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
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भजन - गाइ गाइ अब का कहि गाऊँ । ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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भजन - दीन -हित बिरद पुराननि गाय...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
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कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - दीपावली
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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निरंजन माधव - भवान्यष्टक
निरंजन माधवांच्या कवितेत काव्यस्फूर्ति उच्च दर्ज्याची असून भाषेत सरळपणा व प्रसाद सोज्वळ आहे.
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भाद्रपद शुद्ध १२
दिन विशेष - वर्षातील प्रत्येक दिवसाचे ऐतिहासीक महत्व.
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चतुर्थ स्कंधाचा सारांश
या स्कंधांत अध्याय ३१, मूळ श्लोक १४४५, त्यांवरील अभंग २३३
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सिद्धसिद्धांन्तसंग्रह - पंचमोपदेश
काशीचे पण्डित बलभद्र यांनी १८व्या शतकाच्या शेवटी सिद्ध-सिद्धांत पद्धति ग्रंथ संक्षिप्त करून सिद्ध सिद्धांत संग्रह नामक ग्रंथ लिहीला होता.
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शुकाष्टक - श्लोक ६
श्रीशुक्राचार्यांनीं स्वानंदस्थितीचे जे उद्गार काढले आहेत त्यावर ’ शुकाष्टक ’ही नाथांची प्राकृत टीका आहे.
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संत श्रीरोहिदासांची पदे - ७३ ते ७८
संत रोहिदास (इ.स. १३७६ - इ.स. १५२७) हे मध्ययुगीन भारतातील हिंदू संत होते. यांच्या गुरूंचे नाव रामानंद स्वामी होते. कबीर यांचे समकालीन होत; तर मीराबाई यांच्या शिष्या होत्या.
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अध्याय ९० वा - श्लोक ५६ ते ६०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय ९० वा - श्लोक ७१ ते ७५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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हरिगीता - अध्याय १५
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे. Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide..
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नाममहिमा - अभंग ३१ ते ४०
संत नामदेवांनी गंगा नदीचे माहात्म्य इतके छान वर्णन केले आहे की, जणू प्रत्यक्ष गंगास्नानाचा भास होतो.
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शाक्तांस शिक्षा - ६२०१ ते ६२१०
तुकारामबाबा आणि त्यांचे शिष्य यांच्या अभंगांची गाथा.
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सिद्धसिद्धांन्तसंग्रह - सप्तमोपदेश
काशीचे पण्डित बलभद्र यांनी १८व्या शतकाच्या शेवटी सिद्ध-सिद्धांत पद्धति ग्रंथ संक्षिप्त करून सिद्ध सिद्धांत संग्रह नामक ग्रंथ लिहीला होता.
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय १४
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १०१ ते १२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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विनय पत्रिका - काशी स्तुति
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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स्कंध १० वा - अध्याय ५७ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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विनय पत्रिका - श्री रंग स्तुती १
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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गुरुवार सायंस्मरण - भजन - सदगुरुनाथे माझे आई ...
हरिगुणगानाच्या अभ्यासाने दिवसेंदिवस श्रद्धा बळकट होत जाते आणि हरिस्मरणात मन रमू लागते .
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कालीतंत्र - कालीकर्पूर स्तोत्रम्
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ४५
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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दासोपंताची पदे - पद १६१ ते १८०
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत. ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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आश्विन अमावस्या
Ashvina Amavasya
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय ९
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय ८
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय २२
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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सिध्दासन *
प्रत्येक आसनाच्या नावानंतर एक चिन्ह * दिले आहे. हे चिन्ह आसनाचा सोपेपणा-अवघडपणा (तीव्रता) सुचवतात. एक चिन्ह म्हणजे आसन करायला सोपे, दोन चिन्ह म्हणजे आसन करायला थोडे अवघड, तर तीन चिन्हे म्हणजे आसन करायला जास्त अवघड, हे आसन कोणी जाणकारांच्या मार्गदर्शनानुसारच करावे.
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वेदस्तुति - श्लोक ४१
' हरिवरदा ’ ग्रंथातील वेदस्तुती भागाची ही रसाळ प्राकृत भाषेत स्वामी श्रीकृष्णदयार्णव स्वामींनी लिहीलेली टीका आहे.
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आदिखंड - मातृका विवरु
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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दासोपंताची पदे - पद २८१ ते ३००
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत. ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
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गणेश गीता - अध्याय २
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ४१
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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विनय पत्रिका - विनयावली ६५
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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निवडक अभंग संग्रह १३
निवडक अभंग संग्रह १३
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय १६
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ८
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास एक वेगळाच शब्दातीत अनुभव येतो.
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हरिगीता - अध्याय १३
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे. Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide..
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कूट - अभंग ७०४ ते ७१९
श्रीज्ञानेश्वर महाराजांची गाथा म्हणजे विठ्ठल प्राप्तीचा एक सोपा मार्ग. यात विठ्ठ्लाच्या सगुणनिर्गुण रूपाचे मोहक वर्णन केलेले आहे.
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शिबि
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
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उपरिचर
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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शबरी
Meanings: 12; in Dictionaries: 7
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